कोरबा: घासली / घसिया के आधार पर निर्धारित जाति प्रमाण पत्र….सुत सारथी, सारथी, सहीस और थानवार जाति का मानदंड जाति प्रमाण पत्र बनाया जाये पत्रकार वार्ता : लाखन लाल

कोरबा: घासली / घसिया के आधार पर निर्धारित जाति प्रमाण पत्र
0 सुत सारथी, सारथी, सहीस और थानवार जाति का मानदंड जाति प्रमाण पत्र बनाया जाये पत्रकार वार्ता : लाखन लाल
कोरबा। तिलक भवन प्रेस क्लब कोरबा में धर्मसमाज सेवा समिति कोरबा के अध्यक्ष लाखन लाल धर्माधिकारी ने पत्रकार वार्ता में कहा कि 06 मई 2016 को भारत सरकार द्वारा राजपत्र द्वारा विभिन्न राज्यों के आधार जाति/जनजाति, संविधान संशोधन अधिनियम 2016 का प्रकाशन किया गया। संशोधन में छत्तीसगढ़ राज्य की प्रमुख जाति घासली/घसिया के साथ सैस, सहीस, सारथी, सुत-सारथी एवं थानवार को प्रतिस्थापित किया गया, जिसमें छत्तीसगढ़ शासन आदिम जाति और तृतीयक जाति विकास विभाग द्वारा सभी स्नातकों के विद्यार्थियों को शैक्षिक मान्यताएं जारी की गईं।
लाइब्रेरी जारी करने के बाद जाति प्रमाण पत्र बनाने में तकनीकी गड़बड़ी हुई, क्योंकि बैचलर के जाति प्रमाण पत्र में एसोसिएटेड मिसल दस्तावेज में उक्त जाति अंकित नहीं है। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा 2012-2013 में शासन द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है, जिसमें जाति/जनजाति वर्ग के प्रतिनियुक्ति शब्दों का उपयोग नहीं किया जा सकता है। 25 मार्च को रिजवेन्यू के आधार पर जाति प्रमाण पत्र जारी करने का अनुरोध किया गया था, जिसे छत्तीसगढ़ शासन द्वारा स्वीकृत कर दिनांक 16-01-2025 को जारी किया गया था। इस पुस्तक को जारी करने के लिए लगभग 7 वर्षों तक निरंतर प्रयास करने पर सफलता प्राप्त हुई है, जिसके लिए नामांकन एवं जाति प्रमाणपत्र जारी करने वाले अधिकारियों को सूचित किया गया और आमंत्रित किया गया। पत्रकार वार्ता में कहा गया कि हम सुप्रिम कोर्ट के 7 न्यायाधीशों की खंडपीठ द्वारा अनु जाति/जनजाति के पिछड़े एवं उपेक्षित कलाकारों को नवीन में विशिष्ट शैक्षणिक समुदाय के अंतर्गत आने वाले समाज/सारथी समाज द्वारा भी सीमांत जाति में निर्धन एवं जन जाति के पिछड़े वर्ग में विशेष दिलवाने में सहयोग करें। प्रेस वार्ता में समाज के गंगाराम सागर, विजय प्रकाश राइटस, कैलाश मोंगरे, आशीष सुमेर, शिव कुमार राइटस, गजपति बंछोर उपस्थित थे।