प्रत्येक व्यक्ति को मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का है अधिकार : सत्येंद्र कुमार साहू…

प्रत्येक व्यक्ति को मानवीय गरिमा के साथ जीवन जीने का है अधिकार : सत्येंद्र कुमार साहू
मानव अधिकार आपको दूसरे के अधिकारों का अतिक्रमण करने नहीं देता
कोरबा । कोरबा अंचल के केसीसी में विधिक जागरूकता शिविर के रूम में मानवाधिकार दिवस मनाया गया। मुख्य अतिथि प्रधान जिला न्यायाधीश व अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सत्येंद्र कुमार साहू ने कहा कि कि प्रत्येक व्यक्ति को मानवीय गरिमा के जीवन जीने का अधिकार है।
पाषाणयुग में जिसके पास अधिक शक्ति रहती थी, वही राज करता था, कमजोर व्यक्ति हमेशा दबा रहता था। इससे उसके अधिकार का अतिक्रमण होता था। हमारे सभ्य समाज में हमारा यह दायित्व है कि जो हमें अधिकार मिला है, उसे संरक्षित रखें। मानव अधिकार आपको दूसरे के अधिकारों का अतिक्रमण करने नहीं देता है। हम कानून से नहीं चलेंगे तो अव्यवस्था फैल जाएगी। नियम हमारे शरीर से चालू हो जाता है। हमारे शरीर से, हमारे मन से, हमारी पढ़ाई से, हमारी गतिविधियों से, एक अनुशासन और नियम की मांग होती है, उसे हमें करना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि हमें जो अधिकार मिला है, उसका सदुपयोग करें। हमें अपने परिवार, समाज, देश व पूरे विश्व के लिए एक उपयोगी मानव बनना होगा। विशेष न्यायाधीश (एससी/एसटी) पाक्सो एक्ट जयदीप गर्ग ने बताया कि आज से लगभग 100 वर्ष पूर्व लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने कहा था कि स्वतंत्रता हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। स्वतंत्रता का मतलब सभी तरह की स्वतंत्रता है। उठने-बैठने, धार्मिक स्थान में जाने की समानता की, अपने विचार व्यक्त करने की, वित्तीय स्वतंत्रता एक महत्वपूर्ण स्वतंत्रता है।
न्यायाधीश कु. डिंपल ने कहा कि रोटी, कपड़ा और मकान में सभी आपके मानव अधिकार है। राजेश अग्रवाल केसीसी के संचालक ने अतिथियों का आभार प्रकट किया। मानवाधिकार दिवस के इस कार्यक्रम में कॉलेज के सभी छात्र और शिक्षक-शिक्षिकाओं ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में कॉलेज के शिक्षक रीना लहरे, लता साव, बलदास महंत, शहजादी सिद्दीकी, सुरभि कुंडू, मेधा सोनी, सुखसागर यादव, रूपाली जाटवर, सुरभी राठौर, अरविंद कुमार, ऋषि शर्मा सहित शिव प्रसाद निर्मलकर, सविता यादव आदि उपस्थित थे।