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ठंड से बचने जानलेवा उपाय,5 बच्चों की दम घुटने से मौत,शोक व्याप्त

अमरोहा(यूपी)। कमरे में कोयला सुलगाकर सोये सात लोगों में पांच की दम घुटने से मौत हो गई। शेष दो को गंभीर अवस्था में इलाज के लिए हायर सेंटर रेफ़र किया गया है।

हादसा सैदनगली थानाक्षेत्र के गांव ढक्का मोड़ का है। यहां रहने वाले रईसुद्दीन ट्रक चालक हैं। उनके परिवार में पत्नी हुस्नजहां के अलावा दो बेटे 16 वर्षीय जैद, 11 वर्षीय माहिर व 18 वर्षीय बेटी सोनम रहते थे। सोमवार को इनके घर पर साला रियासत भी मौजूद था। सिहाली जागीर निवासी रियासत मूक बधिर है। रियासत की 13 वर्षीय बेटी महक व पांच वर्षीय भांजी कशिश भी साथ में मौजूद थी। सोमवार रात ये सभी रईसुद्दीन के घर पर सर्दी से बचाव को कोयला जलाकर सोये थे। मंगलवार दिन भर घर में चहल-पहल न होने पर शाम पांच बजे रईसुद्दीन के भाई गबरुददीन ने घर जाकर देखा तो दरवाजा अंदर से बंद मिला।
इस पर उन्होंने खिड़की से अंदर झांककर देखा तो सभी बेहोश अवस्था में पड़े थे। इसके बाद दरवाजा तोड़कर रियासत व महक को हसनपुर सीएचसी भेजा गया। जहां चिकित्सकों ने महक को मृत घोषित कर दिया। शेष पांच लोगों को सैदनगली स्थित एक अस्पताल ले जाया गया। यहां पर हुसनजहां को छोड़कर शेष चार लोग मृत घोषित कर दिए गए। पुलिस ने हुस्नजहां व उनके भाई रियासत को गंभीर अवस्था में हायर सेंटर रेफर किया है। मौके पर जिलाधिकारी आरके त्यागी व एसपी कुंवर अनुपम सिंह भी पहुंच रहे हैं।
अमरोहा के थाना सैद नगली क्षेत्र में घर में सो रहे 5 बच्चों की मौत हो गई। जबकि इस घटना में 2 की हालत नाजुक बनी हुई है। दोनों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि बीती रात सभी लोग घर के कमरे में ठंड से बचने के लिए अंगीठी जलाकर सोए थे। माना जा रहा है कि दम घुटने से पांचों की मौत हुई है। इस घटना का पता मंगलवार की शाम तब चला जब घर का दरवाजा शाम तक नहीं खुला। पड़ोसियों ने दरवाजा तोड़ा। फिलहाल घटना के बाद जिले के कई अधिकारी मौके पर हैं। 2 को संभल के लिए रेफर किया गया है।
हादसा रईसुद्दीन के घर पर हुआ है। वह ट्रक ड्राइवर है, जो कई दो दिन पहले गाड़ी लेकर गया था। इधर, सोमवार को उसकी पत्नी हुस्न जहां (40) और बच्चे माहिर (12), जैद (15), बेटी सोनम (17) के अलावा हुस्न जहां का भाई रियासत अली, हुस्न जहां की बहन की लड़की कशिश और नजाकत के साथ मौजूद थे। बताया गया कि रियासत अली सोमवार को ही रईसुद्दीन के साढ़ू की बच्चियों के साथ आया था।
शाम को सभी ने खाना खाया। इसके बाद पत्थर वाले कोयले को जलाकर आग सेंकने लगे। फिर यह सभी लोग सो गए। चूंकि, सभी एक कमरे में सोए थे। तो कमरे में अंगीठी का धुआं भर गया। इसी से सभी सातों लोगों का दम घुटने लगा।

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