BilaspurCHHATTISGARHKORBARaipur

“विकसित भारत 2047 में नीडोनॉमिक्स की सार्थकता” विषय पर कार्यशाला आयोजित

0 पूर्व कुलपति डॉ. मदन मोहन गोयल ने दी विस्तृत जानकारी

कोरबा। शासकीय नवीन महाविद्यालय पाली में आंतरिक गुणवक्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का भव्य आयोजन किया गया। इस कार्यशाला “विकसित भारत 2047 में नीडोनॉमिक्स की सार्थकता” विषय पर आयोजित किया गया।

इस कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में स्टारेक्स एवं जगन्नाथ विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ. मदन मोहन गोयल रहे। वही विशिष्ठ अति अतिथि के रूप में पाली-तानाखार विधानसभा क्षेत्र के विधायक तुलेश्वर सिंह मरकाम रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. पुष्पराज लाजरस ने की। सर्वप्रथम अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती एवं छत्तीसगढ़ महतारी के तैलचित्र पर दीप प्रज्जवलित करके राज गीत का सामूहिक गायन कर किया। अपने स्वागत उद्बोधन में प्राचार्य श्री लाजरस ने सभी अतिथियों स्वागत किया। उन्होंने स्वागत भाषण में कहा की यह विकसित भारत पर पूरे प्रदेश में पहला कार्यशाला है जिससे यहां के प्राध्यापक एवं महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं को काफ़ी लाभ होगा। अति विशिष्ट रहे क्षेत्रीय विधायक श्री मरकाम ने अपने उद्बोधन में राष्ट्रीय स्तर के कार्यशाला के लिए महाविद्यालय परिवार को बधाई दिया तथा शिक्षा के क्षेत्र में लगातार छात्र-छात्राओं को नई शिक्षा देकर देशहित में उनकी प्रतिभाओं का इस्तेमाल करने पर जोर दिया। मुख्य वक्ता प्रोफ़ेसर डॉ. मदन मोहन गोयल नीडोनॉमिक विषय पर विशेष शोध कर रहे है उन्होंने बताया अपने उद्बोधन में कहा कि नीडोनॉमिक्स भगवत गीता के उपदेश से प्रभावित होकर जीवन का ना केवल आंतरिक विकास करता है बल्कि भौतिक विकास के लिए भी प्रोत्साहित करता है। उन्होंने कुरुक्षेत्र को विश्व के प्रथम शिक्षा यूनिवर्सिटी के रूप में संबोधित किया जहां भगवान श्री कृष्ण ने गीता का ज्ञान प्रदान किया था। उन्होंने भारत के आज़ादी के 100 साल होने 2047 पर भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए युवाओं, व्यवसायी, शिक्षकों, राजनेताओं, पत्रकारों एवं आम नागरिकों की भूमिका एवं उनके कर्तव्यों पर व्याख्यान दिया।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए प्राध्यापक हर्ष पाण्डेय ने कहा कि भारत को विश्व गुरु बनने से कोई नहीं रोक सकता। उन्होंने कहा कि भारत के पास प्राकृतिक एवं मानव दोनों संसाधन पर्याप्त है। कार्यक्रम के अंत में तीजराम कश्यप ने मुख्य वक्ता डॉ. श्री गोयल को प्रशस्त्री-पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। आयोजन समिति के सचिव डॉ. शेख तस्लीम अहमद ने मुख्य वक्ता एवं अतिथि के जीवन चरित्र का वाचन किया। इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से समन्वयक प्रो. हर्ष पाण्डेय, कविता ठक्कर, टीकाराम कश्यप, जागृति साहू, वर्षा लकड़ा, भूमिका चंद्राकर, नंदनी साहू, नाजिया बेगम, जितेंद्र शुक्ला, कमल दास, छात्र-छात्राओं सहित बड़ी संख्या में प्राध्यापक शोधार्थी मौजूद रहे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

https://shikharkeshri.com/wp-content/uploads/2024/10/Screenshot_2024-01-11-15-10-14-966-edit_com.miui_.gallery.jpg

Please consider supporting us by disabling your ad blocker