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रजगामार; सरपंच के विरुद्ध धारा 92 व 40 की कार्यवाही पर कमिश्नर बिलासपुर ने दिया स्थगन आदेश

सरपंच के विरुद्ध धारा 92 व 40 की कार्यवाही पर कमिश्नर बिलासपुर ने दिया स्थगन आदेश

कार्यवाही पर आगामी 15 दिवस तक के लिए स्थगन देते हुए, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा को आदेश

कोरबा। ग्राम पंचायत रजगामार सरपंच श्रीमती रामूला राठिया के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा धारा 40 व धारा 92 के तहत की जा रही कार्यवाही को रामूला राठिया के द्वारा न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग के पास याचिका दायर करते हुए याचिका में कहा गया कि जिला प्रशासन के दबाव में भारतीय संविधानों को ताक में रखकर प्रशासन लगातार मनमौजी गलत आरोप लगाकर झूठी कार्यवाही कर परेशान रही है। सरपंच ने यह भी कहा कि ग्राम पंचायत के विकास के लिए मैंने जनता के मांग के अनुरूप बहुत सारे निर्माण कार्य कराए हैं।जिसका फोटो भी न्यायलय मे अवलोकन कराया गया लेकिन प्रशासन उनकी जांच करने के बजाय अधूरे जांच में ही बिना पक्ष को सुने दुर्भावनावश एक पक्षी व गलत कार्यवाही कर रही है। सरपंच ने कहा कि जिला प्रशासन कोरबा के कार्यवाही पर विश्वास नहीं है। मेरी जांच आयुक्त कार्यालय बिलासपुर संभाग के न्यायालय से राज्य स्तर पर कमेटी बनाकर जाँच कराई जाए। सरपंच की याचिका पर मानवीय दृष्टिकोण से विचार करते हुए सरपंच श्रीमती रामूला राठिया को न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग ने 09/01/2024 को अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा द्वारा जारी कारण बताओ सूचना पत्र दिनांक 6 12.2024 के क्रियान्वयन एवं धारा 92 एवं 40 के अंतर्गत संधारित प्रकरण में किये जा रहे कार्यवाही पर आगामी 15 दिवस तक के लिए स्थगन देते हुए, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा को आदेश का पालनार्थ करते हुए वांछित प्रकरण को पेशी दिनांक 24/01/2025 से पहले न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग कार्यालय में अनिवार्य रूप से प्रकरण को भिजवाने हेतु निर्देशित किया गया है। सरपंच रामूला राठिया ने स्पष्ट रूप से आरोप लगाया कि एसडीएम कोरबा के द्वारा न्यायालय के नियमों को ताक में रखकर विधि विरुध सरपंच का बिना पक्ष को सुने निर्णय दिया गया है। मेरे प्रतिनिधि के माध्यम से मुझे न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग से स्थगन मिलने की सूचना एसडीएम को फोन पर दोपहर 2:00 बजे दिया जा चुका था। आधे घंटे में आदेश की कॉपी आपके कार्यालय में मिल जाएगा। सूचना देते हुए कहा गया था। लेकिन अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा अपने न्यायालय में कभी भी धारा 40 का प्रकरण पंजीबद्ध नहीं किया गया था और ना ही धारा 40 या धारा 92 के तहत कोई प्रकरण उनके न्यायालय में चलाई जा रही थी । फिर भी आनन-फानन में अपने उच्च न्यायालय के आदेश का लगातार अवमानना अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा किया गया है जो निम्न है।- रामूला राठिया सरपंच ग्राम पंचायत रजगामार के विरुध झूठी व मनगढ़ंत आरोप लगाकर प्रशासन के द्वारा रजगामार पुलिस चौकी में Fir दर्ज कराया गया। जिस पर माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर के द्वारा ग्राम पंचायत रजगामार सरपंच श्रीमती रामूला राठिया को जांच परीक्षण पश्चात पंचायत के राशि का दुरुपयोग सरपंच सचिव द्वारा नहीं किया गया है कार्य हुआ है मानते हुए अग्रिम जमानत दिया गया था। सरपंच रामूला राठिया को अग्रिम जमानत मिलने के पश्चात कलेक्टर कोरबा के निर्देश पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत कोरबा के आदेश के तहत धारा 39(1) के तहत निलंबन करने की कार्यवाही प्रशासन के द्वारा किया गया। माननीय उच्च न्यायालय बिलासपुर ने रामूला राठिया सरपंच के निलंबन की कार्यवाही को भी गलत ठहराते हुए स्थगन दिया गया, कि अभी तो पुलिस ने चार्ज सीट कोर्ट में प्रस्तुत ही नहीं किया है तो उसको आरोपी कैसे माना जा सकता है। कहते हुए स्थगन दिया था। रामूला राठिया सरपंच को स्थगन मिलने के पश्चात प्रशासन ने सरपंच को पक्ष रखने का मौका नहीं दे रही थी तो माननीय उच्च न्यायालय ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा को निर्देश दिया कि रामूला राठिया याचिकाकर्ता के विरुद्ध दंडात्मक कार्यवाही के पहले 15 दिवस का समय दिया जावे । उसके पश्चात अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा धारा 40 के प्रकरण के संबंध में कारण बताओं नोटिस जारी किया गया। जिसमें भी 30 तारीख को नोटिस सरपंच को दिया गया और 6 तारीख को जवाब देने के लिए कहा गया। उसके पश्चात सरपंच के द्वारा 6 जनवरी 2025 को उपस्थित होकर जवाब हेतु समय मांग किया गया और माननीय उच्च न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए 15 दिवस का समय देने का आग्रह किया गया। लेकिन अनुविभागीय अधिकारी कोरबा के द्वारा 15 दिवस का समय उच्च न्यायालय के निर्देश के बाद भी नहीं दिया गया। केवल तीन दिन बाद 9/ 1/ 2025 को पेशी रख दी गई। इस तरह से अनुविभागीय अधिकारी कोरबा के द्वारा दबाव वश दूषित मानसिकता से न्यायालय के नियमों को ताक में रखकर सरपंच के ऊपर आरोप लगाकर धारा 40(1) के तहत जो कार्यवाही की गई है वह विधि विरुद्ध न्याय संगत नहीं है। सरपंच रामूला राठिया को माननीय उच्च न्यायालय छत्तीसगढ़ बिलासपुर व न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग के द्वारा दिए गए आदेश के विरुद्ध जानबूझकर परेशान करने की नीयत से कलेक्टर के दबाव में दूषित मानसिकता से प्रेरित होकर गलत कार्यवाही की गई है। जबकि समाचार पत्रों से कुछ दिन पहले ही समाचार प्रकाशित हुआ था की पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग ने रजगामार के शिकायत का जांच का जिम्मा आयुक्त बिलासपुर संभाग को सौपा गया है। जिसकी नोटिस की कॉपी अनुविभागीय अधिकारी कोरबा को प्रकरण में दिया गया था फिर भी शासन के आदेशों को दरकिनार करते हुए दुर्भावनावश सरपंच रामूला राठिया के विरुध दूषित मानसिकता से गलत कार्यवाही के विरुद्ध न्यायालय आयुक्त बिलासपुर संभाग के द्वारा श्रीमती रामूला राठिया सरपंच ग्राम पंचायत रजगामार के विरुद्ध अनुविभागीय अधिकारी राजस्व कोरबा के द्वारा धारा 92 व धारा 40 की कार्यवाही पर रोक लगाते हुए स्थगन आदेश जारी किया गया है। इस आदेश के बाद से स्पष्ट हो गया है कि सरपंच रामूला राठिया अपने पद पर बनी रहेगी।

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