दिव्य मंत्रोच्चार के साथ आस्था स्थल मां सर्वमंगला देवी मंदिरों में किये दीप प्रज्वलित,परिसर में जल उठे ज्योति कलश….प्रबंधक एवं पुजारी नमन पांडेय ने विद्वान आचार्यों के सानिध्य में किये दीप प्रज्ज्वलित

दिव्य मंत्रोच्चार के साथ आस्था स्थल मां सर्वमंगला देवी मंदिरों में किये दीप प्रज्वलित,परिसर में जल उठे ज्योति कलश
- प्रबंधक एवं पुजारी नमन पांडेय ने विद्वान आचार्यों के सानिध्य में किये दीप प्रज्ज्वलित
इस चैत्र नवरात्रि में मंदिर के पुजारी मयंक पांडे ने बताया कि 07 हजार 878 तेल के और 0785 घी के मनोकामना द्वीप प्रज्वलित किए गए हैं.
कोरबा। कोरबा की संजीवनी मां हसदेव नदी के पावन तट पर स्थित जगत जननी आस्था स्थल मां सर्वमंगला देवी परिसर में 30 मार्च को पूण्य नक्षत्र में दिव्य मंत्रोंच्चार के साथ ज्योति कलश जल उठे। दीप प्रज्ज्वलन के साथ परिसर दमक उठा और एक अद्भूत ऊर्जा चारों तरफ बिखरने लगी। मां सर्वमंगला देवी का यह चमत्कार ही है कि यहां जो भी श्रद्धालु मंगलकामना लेकर आते हैं, उनकी मनोकामना मातारानी पूर्ण करती हैं।
दिव्य मंत्रोच्चार के साथ मंदिर के पुजारी एवं प्रबंधक नमन पांडेय सपत्नीक पूजा में विराजे और विद्वान पंडितों एवं आचार्यों के सानिध्य में ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किये। ज्योति कलश प्रज्ज्वलित होने के बाद पांडेय दंपत्ति ने मां सर्वमंगला देवी की पूजा अर्चना कर आशीर्वाद मांगा कि 8 दिन तक निर्विघ्र सभी आध्यात्मिक कार्य सफल हो और यहां आने वाले श्रद्धालुओं की हर शुभ मनोकामनाएं पूर्ण हों। पूरे जिले में भक्ति का माहौल छाया हुआ है. इस पावन अवसर पर कोरबा वासियों की प्रथम आराध्य देवी, मां सर्वमंगला के मंदिर में भक्तों का तांता लगा हुआ है. हसदेव नदी के किनारे स्थित यह मंदिर न केवल कोरबा बल्कि पूरे देश और विदेश में अपनी महिमा के लिए जाना जाता है. मां सर्वमंगला के दरबार में भक्तों की अटूट आस्था का ही परिणाम है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है. यही कारण है कि राज्य और देश के कोने-कोने से ही नहीं, बल्कि सात समंदर पार से भी श्रद्धालु यहां माता के मंदिर में मनोकामना ज्योति कलश जलवाने आते हैं
लगभग 124 साल पुराने इस मंदिर को लेकर कोरबा वासियों की आस्था इतनी गहरी है कि नवरात्र के समय यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचते हैं. प्रत्येक वर्ष दोनों ही नवरात्रों में यहां मनोकामना ज्योति कलश जलाए जाते हैं. इस चैत्र नवरात्रि में मंदिर के पुजारी मयंक पांडे ने बताया कि 07 हजार 878 तेल के और 0785 घी के मनोकामना द्वीप प्रज्वलित किए गए हैं.
विदेशी भक्तों ने भी यहां ज्योत जलवाईइस मंदिर की नवरात्रि और भी खास है. मां सर्वमंगला के प्रति आस्था की डोर इतनी मजबूत है कि यह सीमाओं को भी पार कर जाती है. चैत्र नवरात्रि में ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, न्यूजीलैंड और इंडोनेशिया जैसे देशों में रहने वाले माता के भक्तों ने भी यहां ज्योत जलवाई है. यह देखकर लगता है कि मां सर्वमंगला की कृपा और आशीर्वाद हर जगह अपने भक्तों पर बना हुआ है. यह सचमुच अद्भुत है कि आज के आधुनिक युग में भी लोगों की आस्था और विश्वास इतना अटूट है. मां सर्वमंगला का मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है, बल्कि यह एक ऐसा केंद्र भी है जो लोगों को जोड़ता है और उन्हें उम्मीद और शक्ति प्रदान करता है.