Uncategorized

शासकीय चिकित्सालयो में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की जा रही कवायद…जानबूझकर निजी चिकित्सालय रेफर करने पर होगी कार्यवाही

शासकीय चिकित्सालयो में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने की जा रही कवायद

  • जानबूझकर निजी चिकित्सालय रेफर करने पर होगी कार्यवाही
    कोरबा । शासकीय चिकित्सालय में संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने कवायद तेज कर दी गई है। इसे बेहतर बनाने नया नियम लागू किया गया है। अब शासकीय चिकित्सालय के चिकित्सक अथवा कर्मचारी उचित कारण के बिना गर्भवती महिला को प्रसव के लिए निजी संस्था में रेफर नही कर सकेंगे। यदि जानबूझकर रेफर करने की शिकायत मिलती है तो एएनएम व मितानीन से रेफर करने की परिस्थिति के संबंध में जवाब तलब किया जाएगा। उनकी रिपोर्ट के आधार पर संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी। इसके अलावा प्रसव के दौरान मृत्यु की घटना पर अंकुश लगाने उच्च जोखिम वाली गर्भवती महिला की माह के 9 व 24 तारीख को जांच की जाएगी। जिसका डाटा रखना अनिवार्य होगा।
    दरअसल कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट के सभागार में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित की गई थी। बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी दिनेश कुमार नाग, निगम आयुक्त आशुतोष पांडेय, सीएमएचओ डॉ. एस.एन. केसरी सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे। कलेक्टर श्री वसंत ने स्वास्थ्य संबंधी राष्ट्रीय कार्यक्रम में अलावा मरीजों को मिलने वाली सुविधाओं की जानकारी ली। इस दौरान सीएमएचओ डॉ. केसरी ने मलेरिया, टीबी, कुष्ठ उन्मुलन के अलावा मातृ व शिशु स्वास्थ्य, संस्थागत प्रसव सहित अन्य जानकारियां प्रस्तुत किया। कलेक्टर ने बिंदुवार समीक्षा करने उपरांत कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए।
    जिले में आए दिन शासकीय चिकित्सालय से बहानेबाजी कर गर्भवती महिला को निजी संस्था रेफर किए जाने के मामले सामने आते हैं, जिसे कलेक्टर श्री वसंत ने गंभीरता से लिया है। उन्होंने संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने और जानबूझकर रेफर किए जाने के मामले की रोकथाम के लिए विशेष निर्देश जारी किया है। जिसके मुताबिक शासकीय चिकित्सालय के चिकित्सक व स्वास्थ्य कर्मी गर्भवती महिला को बिना उचित वजह निजी चिकित्सालय रेफर नही कर सकेंगे। यदि ऐसी कोई भी शिकायत मिलती है, तो जांच उपरांत संबंधित के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।
    बहरहाल कलेक्टर के निर्देश से उन डॉक्टर व कर्मचारियों में हडक़ंप मच गया है, जिन पर बहानेबाजी कर गर्भवती महिला को प्रसव के लिए खुद के अथवा किसी अन्य निजी संस्था में रेफर किए जाने के आरोप लगते रहे हैं।
    कोरबा जिला कलेक्टर अजीत वसंत ने वनांचल क्षेत्र के अस्पतालों में स्वास्थ्य सुविधा को बेहतर बनाने निर्देश जारी किए हैं। इसी कड़ी में सुदूर वनांचल क्षेत्र स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र लेमरू व श्यांग में एक-एक दिन गायनेकोलॉजिस्ट भेजने का निर्देश जारी किया है, ताकि क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की जांच की जा सके। इसके अलावा पसान स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में एनआरसी शुरू स्वास्थ्य अधिकारी को प्रस्ताव भेजने निर्देश जारी किया है।
    जिले में क्षय रोग विभाग द्वारा सौ दिवसीय जांच अभियान चलाया जा रहा था। अभियान के दौरान मिले पॉजेटिव केस का विशेष ध्यान दिया जाएगा। शहरी क्षेत्र में रहने वाले 18 वर्ष से अधिक उम्र वाले लोगों का सीवाई टेस्ट कराए जाएंगे। टेस्ट मे पॉजेटिव मिलने पर एक्स रे कराया जाएगा। वार्डवार मरीजों की सूची तैयार कर निगम आयुक्त को सौंपी जाएगी। खास तो यह है कि ऐसे गांव जो टीबी मुक्त होते हैं। उन गांवों में विशेष विकास कार्य कराए जाएंगे।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

https://shikharkeshri.com/wp-content/uploads/2024/10/Screenshot_2024-01-11-15-10-14-966-edit_com.miui_.gallery.jpg

Please consider supporting us by disabling your ad blocker