जिला खनिज न्यास की राशि का प्रत्यक्ष प्रभावित परिवार को मिले लाभ-माटी अधिकार मंच….

जिला खनिज न्यास की राशि का प्रत्यक्ष प्रभावित परिवार को मिले लाभ-माटी अधिकार मंच
कोरबा । माटी अधिकार मंच द्वारा आरोप लगाते हुए कहा जा रहा हैं की खान एवं खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम 1957 में संशोधन कर जिला खनिज न्यास का गठन किया गया हैं। जिसकी अधिसूचना 12 जनवरी 2015 को जारी की गई है। छत्तीसगढ़ सरकार ने 22 दिसंबर 2015 को जिला खनिज न्यास नियम 2015 लागू कर 27 जिलों में डीएमएफ का गठन किया है। इस न्यास का गठन किए 10 साल हो गए हैं। इस 10 वर्षों में न्यास को अरबों रुपए की राशि प्राप्त हुई है, परंतु खनन क्षेत्र के प्रभावित ग्रामो की स्थिति जस की तस बनी हुई है। खनन क्षेत्र के लोग खदान के कारण निर्मित समस्याओं से जूझ रहे हैं। इन समस्याओं के निराकरण हेतु खनन क्षेत्र के ग्रामीण एसईसीएल प्रबंधन, जिला प्रशासन, विधायक, मंत्री, सांसद, मुख्यमंत्री को बार-बार आवेदन प्रेषित कर चुके हैं। इसके बाद भी समस्याओं का निराकरण नहीं हो पा रहा है।
माटी अधिकार मंच के अध्यक्ष ब्रजेश श्रीवास ने जिलाधीश एवं खनिज न्यास के अध्यक्ष को पत्र प्रेषित कर इसका लाभ प्रत्यक्ष प्रभावित परिवार के लोगों को दिलाने हेतु पत्र लिखा है। पत्र के माध्यम से उन्होंने अवगत कराया है कि खनन क्षेत्र के लोग मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। रोजगार देने कोल इंडिया की पॉलिसी 2012 के वर्ष 2010 में आने के बाद से केवल बड़े खातेदारों को रोजगार प्राप्त हो रहा है। छोटे खातेदार रोजगार से वंचित हो गए हैं। इन 15 वर्षों में बेरोजगारों की संख्या में भारी वृद्धि हो गई है। जमीन से विस्थापित होने के बाद भू-विस्थापित रोजगार के लिए यहां-वहां भटक रहे हैं। जिला खनिज न्यास मद के द्वारा ऐसे पीड़ित लोगों को रोजगार दिलाने हेतु सार्थक प्रयास किया जा सकता है, परंतु अभी तक उनकी आजीविका हेतु प्रयास नहीं किए गए हैं।
उन्होंने आगे कहा की एसईसीएल के द्वारा ग्रामीणों को पुनर्वास स्थल में विस्थापित किया गया है। जहां सड़क, नाली, सामुदायिक भवन, विद्यालय, आंगनबाड़ी, चिकित्सालय, स्ट्रीट लाइट, पेयजल की समुचित व्यवस्था नहीं है। खनिज न्यास के आने से ग्रामीणों को यह आश बांधी थी कि, इस राशि से खनन क्षेत्र के लोगों के जीवन में व्यापक परिवर्तन आएगा, लेकिन इस राशि का दुरुपयोग किया जा रहा है। जिसके कारण खनन क्षेत्र के लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित रह गए। न्यास के द्वारा करोड़ों रुपए के ऐसे निर्माण कार्य कराए गए हैं जो बिना उपयोग के खंडहर में तब्दील हो गए हैं।
माटी अधिकार मंच ने कहा हैं की उनके द्वारा जिला खनिज न्यास के संबंध मे कोरबा जिले के प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष प्रभावित क्षेत्र के लोगों को जागरूक किया जाएगा। जिला खनिज न्यास के गठन करने के उद्देश्य, न्यास को प्राप्त राशि एवं खनिज न्यास से प्राप्त राशि पर प्रभावितों का अधिकार, राशि किन विषयों पर खर्च किया जाना है। मंच के द्वारा अभियान चला पाम्पलेट, बैनर, पोस्टर, नुक्कड़ सभा के माध्यम से अधिकार के प्रति लोगो को जागरूक किया जाएगा। इसके उपरांत बृहद आंदोलन किया जाएगा जिससे कि खनिज न्यास की राशि का लाभ समुचित रूप से प्रभावितों को मिल सके।