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निजी मेडिकल दुकानों से खरीदनी पड़ रही महंगी दवाएं…

निजी मेडिकल दुकानों से खरीदनी पड़ रही महंगी दवाएं
कोरबा । स्व. बिसाहूदास महंत मेडिकल अस्पताल कोरबा में राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजना के तहत मात्र 5 रुपए में इलाज और नि:शुल्क दवाइयों की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। इस योजना का उद्देश्य गरीब और जरूरतमंद लोगों को सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराना है।
इस सुविधा से प्रेरित होकर बड़ी संख्या में मरीज अस्पताल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं और प्राथमिक उपचार प्राप्त कर रहे हैं। हालांकि जमीनी हकीकत कुछ और ही कहानी बयां कर रही है। बताया जा रहा हैं की अस्पताल में डॉक्टरों द्वारा लिखी गई अधिकांश दवाएं मेडिकल स्टोर में उपलब्ध नहीं हो रही हैं, जिससे मरीजों को बाहर की निजी मेडिकल दुकानों का रुख करना पड़ रहा है। वहाँ दवाएं महंगे दामों पर बिक रही हैं, जिससे गरीब मरीजों की आर्थिक स्थिति पर अतिरिक्त बोझ पड़ रहा है। सबसे गंभीर बात यह है कि जो दवाइयाँ अस्पताल स्टोर में अनुपलब्ध हैं, वे अस्पताल परिसर में स्थित निजी मेडिकल दुकानों में सहजता से मिल रही हैं। इससे अस्पताल प्रशासन और निजी दुकानदारों के बीच संभावित मिलीभगत का आरोप लगाया जा रहा हैं। इस स्थिति में सरकार की मंशा और जनहितकारी योजनाओं की सफलता पर प्रश्नचिह्न खड़े हो रहे हैं। यदि समय रहते पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित नहीं की गई, तो योजना का उद्देश्य ही विफल हो सकता है।
मरीज और उनके परिजन के द्वारा कहा जा रहा हैं की शासन-प्रशासन को चाहिए कि जिला अस्पताल में आवश्यक दवाओं की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाए और साथ ही अस्पताल परिसर की निजी मेडिकल दुकानों की जांच कर यह पता लगाया जाए कि कहीं योजनागत दवाओं को जानबूझकर तो रोका नहीं जा रहा है। तभी इस योजना का वास्तविक लाभ गरीब मरीजों तक पहुंच सकेगा।

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