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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जिले में सड़क निर्माण के स्वीकृति प्रस्ताव पर विलंब को लेकर जताई नाराजगी:-जनहित के कामों में लापरवाही के लिए कलेक्टर, एसपी होंगे जिम्मेदार

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जांजगीर-चांपा जिले में सड़क निर्माण के स्वीकृति प्रस्ताव पर विलंब को लेकर जताई नाराजगी

जांजगीर-चांपा, सक्ती एवं कोरबा जिले के अधिकारियों की बैठक लेकर योजनाओं एवं कार्यक्रमों की अद्यतन स्थिति की गहन समीक्षा की

जनहित के कामों में लापरवाही के लिए कलेक्टर, एसपी होंगे जिम्मेदार

जांजगीर चांपा 05 मई 2025/मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जांजगीर-चांपा जिले के जिला पंचायत कार्यालय में आयोजित उच्चस्तरीय बैठक में तीन जिलों जांजगीर-चांपा, सक्ती एवं कोरबा में संचालित शासकीय योजनाओं, निर्माण कार्यों एवं जनकल्याणकारी कार्यक्रमों की गहन समीक्षा की। बैठक के दौरान उन्होंने बीते वित्तीय वर्ष में बजट में जांजगीर-चांपा जिले में स्वीकृत सड़कों की मंजूरी में हो रही देरी पर नाराजगी व्यक्त करते हुए प्राथमिकता के आधार पर तत्काल प्रस्ताव भेजने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री श्री साय राज्य सरकार के सुशासन तिहार के तीसरे चरण के शुरूआत के पहले दिन आज सक्ती, कोरबा जिले के भ्रमण के बाद जांजगीर-चांपा पहुंचे थे। जहां उन्होंने तीनों जिलों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक लेकर शासकीय योजनाओं एवं कार्यक्रमों के क्रियान्वयन की अद्यतन स्थिति की समीक्षा की।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बैठक में कहा कि राज्य सरकार पारदर्शिता के साथ प्रदेश में सुशासन स्थापित करने का काम कर रही है। इसी कड़ी में राज्य में सुशासन तिहार मनाया जा रहा है। सुशासन तिहार के दो चरण पूर्ण होने के बाद तीसरा चरण की शुरुआत आज से हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ साल में अच्छा काम हुए हैं लेकिन इनकी गति और गुणवत्ता और बढ़ाने की जरूरत है। कलेक्टर, एसपी और अच्छा काम करें। अधिकारी ज्यादा से ज्यादा ग्रामीण इलाकों का दौरा करें।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि आम जनता और जनप्रतिनिधियों से सौहाद्र पूर्ण बर्ताव करें। उन्होंने अधिकारियों को पूरे समर्पण के साथ ईमानदारी से अपने जिम्मेदारी का निर्वहन करने को कहा। मुख्यमंत्री ने बैठक में स्पष्ट रूप से कहा कि जनहित के कामों में लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और जिले में इसके लिए सीधे कलेक्टर और एसपी जिम्मेदार होंगे।
बैठक में मुख्यमंत्री ने ग्रामीण बस सुविधा योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु सभी कलेक्टरों को जिलेवार रूट निर्धारण की कार्यवाही शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि यह योजना ग्रामीणों को परिवहन सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में एक बड़ी पहल है। मुख्यमंत्री ने संस्थागत प्रसव, सिकलसेल स्क्रीनिंग तथा जल जीवन मिशन के तहत पेयजल आपूर्ति की अद्यतन स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने निर्देश दिए कि स्कूलों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आय, जाति एवं निवास प्रमाणपत्र सत्र प्रारंभ होते ही वितरित किए जाएं।

मुख्यमंत्री ने राजस्व रिकॉर्ड, स्वामित्व योजना, आयुष्मान भारत, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना इत्यादि की प्रगति की समीक्षा करते हुए हितग्राही मूलक योजनाओं का लाभ पात्र लोगों तक पहुँचाने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को निर्देशित किया कि जनसामान्य को जेनेरिक दवाइयों के उपयोग हेतु जागरूक किया जाए एवं चिकित्सकों को मरीजों को जेनेरिक दवाएं लिखने हेतु प्रेरित किया जाए, जिससे जनऔषधि केन्द्रों से रियायती दर पर दवाएं प्राप्त की जा सकें। कृषि विभाग को फसल चक्र परिवर्तन के तहत मूँगफली की खेती को बढ़ावा देने के निर्देश देते हुए उन्होंने खाद-बीज भंडारण एवं वितरण की तैयारी की भी समीक्षा की।

प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के अंतर्गत स्वीकृत 47 हजार आवासों की धीमी प्रगति पर भी मुख्यमंत्री ने चिंता जताई। अधिकारियों द्वारा राजमिस्त्री एवं सेंटरिंग टीमों की कमी को प्रमुख कारण बताया गया। मुख्यमंत्री ने ग्रामीण युवाओं को मिस्त्री का प्रशिक्षण देकर इस समस्या का समाधान निकालने के निर्देश दिए। साथ ही, उन्होंने स्पष्ट किया कि योजना अंतर्गत निःशुल्क रेत आपूर्ति की व्यवस्था पहले से की गई है, जिसमें हितग्राहियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं होनी चाहिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संयुक्त परिवार में विवाहित पुत्रों के नाम पर जमीन नहीं होने पर आवास स्वीकृति में बाधा आ रही है। ऐसी स्थिति में पिता मात्र 5 सौ रुपए का दानपत्र लिख दे तो, इसका लाभ मिल सकता है।

बैठक में वित्त मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री श्री ओ.पी. चौधरी ने पंजीयन विभाग द्वारा आरंभ की गई 10 नवीन जनहितकारी सुविधाओं को आम जनता तक पहुंचाने के लिए विशेष तकनीकी कार्यशालाओं का आयोजन कर अधिकारियों को प्रशिक्षित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री श्री साय ने अंत में अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों के साथ सम्मानजनक संवाद बनाए रखें और छत्तीसगढ़ के समावेशी एवं विकसित भविष्य के निर्माण में अपनी सक्रिय भूमिका सुनिश्चित करें।

बैठक में सांसद श्रीमती कमलेश जांगडे, मुख्य सचिव श्री अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव श्री सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव श्री पी. दयानंद, तीनों जिलों के कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक एवं सभी विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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