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KORBA:- सिकलसेल पीड़ित बालिका की जान बचाई जिला मेडिकल कॉलेज अस्पताल ने…

सिकलसेल पीड़ित बालिका की जान बचाई जिला अस्पताल ने
कोरबा । मानव शरीर रचना विज्ञान में कई ऐसे फैक्टर होते हैं, जिनके कारण रक्त के निर्माण की प्रक्रिया बाधित होती है और वह हसिया का आकार ले लेता है। मेडिकल साइंस की भाषा में इस फिजिकल सेल एनीमिया कहा जाता है।
इसी कड़ी में कोरबा-पश्चिम दीपका क्षेत्र के ज्योति नगर निवासी 7 वर्षीय एक बालिका काफी समय से इसी बीमारी से ग्रसित है। हाल में ही उसके शरीर में केवल 3 ग्राम खून बच गया था। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल प्रबंधन और लोगों के सहयोग से रक्त की व्यवस्था करने के साथ बालिका को संजीवनी देने की कोशिश की गई।
मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल के पेडियाट्रिक वार्ड में बालिका का उपचार चल रहा है। उसकी स्थिति पर डॉक्टर नजर रखे हुए हैं। आगे भी रक्त की आवश्यकता होती है इसके लिहाज से अग्रिम प्रयास किया जा रहे हैं। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार से आने वाली पीड़िता की माता का कुछ वर्ष पहले निधन हो चुका है। संदेह के कारण पिता ने उनकी हत्या कर दी और वह लंबे समय से जेल में है।
पीड़िता के संरक्षण की जिम्मेदारी उसकी 18 वर्षी बहन पर आ गई है जो यहां वहां अनुपयोगी स्क्रैप का संग्रह कर उसे भेजती है और उसे प्राप्त राशि से बहन का ख्याल करती है। अस्पताल में हुई मुलाकात में उसने बताया कि मामा-मामी से आर्थिक सहायता हमें लगातार मिल रही है और अपनी ओर से कुछ कोशिश करने पर अब तक उसके जीवन को बचाना संभव हुआ है। इस मामले में मेडिकल कॉलेज अस्पताल प्रबंधन का सहयोग भी हमें लगातार प्राप्त हो रहा है।
उनकी सबसे बड़ी समस्या राशन की है क्योंकि राशन कार्ड के लिए केवाईसी जरूरी है और माता-पिता के बिना यह संभव नहीं हो रहा है। पीड़ित पक्ष ने कहा है कि इस मामले में प्रशासन संवेदनशीलता के साथ ध्यान दें ताकि समस्याओं का अंत हो सके।

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