KORBA:-बालको प्रबंधन के अवैधानिक कार्यों पर रोक लगाए प्रशासन : ज्योत्सना महंत…आवागमन और जनजीवन को अवरूद्ध होने से बचाने मुख्यमंत्री को पत्र

बालको प्रबंधन के अवैधानिक कार्यों पर रोक लगाए प्रशासन : ज्योत्सना महंत
0 आवागमन और जनजीवन को अवरूद्ध होने से बचाने मुख्यमंत्री को पत्र
कोरबा लोकसभा क्षेत्र की सांसद ज्योत्सना चरणदास महंत ने प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय व जिला प्रशासन को पत्र प्रेषित कर कहा है कि भारत एल्युमिनियम कम्पनी लिमिटेड (वेदांता) बालको के द्वारा सेक्टर 6 मिनीमाता चौक के सामने पूर्व प्रचलित मार्ग को अवरूद्ध करते हुए बड़े झाड़ के जंगल में बाऊंड्रीवाल, ब्लीचिंग प्लांट, उंचे भवन का निर्माण हेतु संबंधित विभागों से अनुमति की प्रक्रिया हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया है, उक्त निर्माण से सेक्टर-6 के पीछे श्रमिक बाहुल्य बस्ती नगर पालिक निगम के वार्ड क्रमांक 40-41 पाड़ीमार क्र. 01 के भदरापारा, इंदिरा मार्केट, डुग्गुपारा, उपका मोहल्ला, गणेश नगर में हजारों परिवार का आवागमन अवरूद्ध होने की एवं व्यवसायियों को इसका प्रत्यक्ष प्रभाव पड़ेगा। उपरोक्त वार्ड के निवासी अपने कार्यों के लिए इस मार्ग का उपयोग कई वर्षो से करते आ रहे हैं। मोहल्ले के सभी वर्ग के बच्चों का स्कूल (प्राइमरी, हाई, हायर सेकण्डरी स्कूल) भी बालको नगर में स्थित है। सांसद ने मुख्यमंत्री सहित उप मुख्यमंत्री अरूण साव, कैबिनेट मंत्री लखनलाल देवांगन, टंकराम वर्मा, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत व पुलिस अधीक्षक, आयुक्त, वनमंडलाधिकारी सहित प्रबंधन टाउन एंड कंट्री प्लानिंग को स्थानीय जनप्रतिनिधियों के द्वारा की गई शिकायतों की प्रति प्रेषित कर कहा है कि वेदांता प्रबंधन द्वारा पूर्व में भी उक्त स्थल पर बाऊंड्रीवाल निर्माण हेतु नगर पालिक निगम कोरबा में अनुमति प्राप्त करने हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें उक्त भूमि बालको प्रबंधन की न होने व नजूल भूमि होने से तथा जन आक्रोश एवं भारी विरोध के कारण तत्कालीन जिलाधीश के द्वारा जनहित में बालको प्रबंधन के बेजा बाऊंड्रीवाल निर्माण कार्य को प्रतिबंधित कर खारिज कर दिया गया था। उक्त भूमि बड़े झाड़ के जंगल व नजूल भूमि के अंतर्गत होने और सार्वजनिक सुखाधिकार के कारण बालको प्रबंधन को किसी भी प्रकार के निर्माण की अनुमति देना जनहित में उचित नहीं होगा। सांसद ज्योत्सना महंत ने जिलाधीश कोरबा को प्रेषित पत्र में कहा है कि स्थानीय लोगों के जन आक्रोश एवं भारी विरोध को देखते हुए जनहित में बालको के सभी आवेदनों को निरस्त करने एवं बालको प्रबंधन द्वारा बलात् किये जा रहे निर्माण कार्य पर अविलंब रोक लगाने की नितांत आवश्यकता है।