KORBA:- लेमरू रेंज में पहली बार मिला किंग कोबरा…वन विभाग एवं नोवा नेचर ने किया सुरक्षित रेस्क्यू…

लेमरू रेंज में पहली बार मिला किंग कोबरा
0 वन विभाग एवं नोवा नेचर ने किया सुरक्षित रेस्क्यू
कोरबा। वनमंडल कोरबा अंतर्गत लेमरू रेंज में किंग कोबरा का सफल रेस्क्यू किया गया। वन विभाग एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी की संयुक्त पहल से रेस्क्यू किया गया। स्थानीय समुदाय को किंग कोबरा के बारे में जागरूक भी किया गया।
घटना दोपहर करीब 2 बजे तब सामने आई जब एक स्थानीय किसान अपने खेत में काम कर रहा था। अचानक उसे एक गड्ढे में कुछ हलचल दिखाई दी। पास जाकर देखने पर उसने देखा कि उसमें एक विशालकाय साँप मौजूद है। उसने तत्काल वन विभाग को सूचित किया और बताया कि उसके खेत में पहाड़ चित्ती सांप मौजूद है। वन आरक्षक तुरंत उस स्थान पर पहुंचे और बताया की सांप किंग कोबरा है, जिसे ग्रामीण पहाड़ चित्ती के नाम से भी जानते है। सूचना मिलते ही कोरबा वनमंडल के वनमण्डलाधिकारी मयंक अग्रवाल एवं नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी के विशेषज्ञ जितेंद्र सारथी, मयंक बागची एवं बबलू मारुवा कोरबा से लेमरू रेंज में पहुंचे फिर डीएफओ के मार्गदर्शन में पहले थैला के फ्रेम को जमा कर जितेंद्र सारथी ने रेस्क्यू चालू किया। उन्होंने वैज्ञानिक प्रक्रिया, सतर्कता और सुरक्षा के साथ किंग कोबरा को रेस्क्यू किया और उसे प्राकृतिक आवास में सुरक्षित छोड़ दिया गया। अभियान में वन विभाग से याज्ञवल्क्य राणा, विकास बनर्जी, रामेश्वर सिदार, वनपाल श्रवण कुमार गायकी, वनरक्षक जय कंवर, शिवनारायण बिंझवार व सुखसागर सिंह की विशेष भूमिका रही।घटनास्थल पर विधिवत पंचनामा तैयार कर स्थानीय ग्रामीणों को वन्यजीव संरक्षण, कानूनी पहलुओं एवं मानवीय जिम्मेदारी के बारे में जागरूक किया गया। ग्रामीणों को यह भी समझाया गया कि किसी भी वन्यजीव की उपस्थिति पर घबराने की बजाय तत्काल वन विभाग को सूचित करें। वनमंडलाधिकारी श्री अग्रवाल ने कहा कि किंग कोबरा जैसे संकटग्रस्त प्रजातियों का संरक्षण हमारी पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का एक अहम हिस्सा है। ऐसे समन्वित रेस्क्यू अभियान समाज में जागरूकता और सहभागिता को भी बढ़ावा देते हैं। यह अभियान वन विभाग, नोवा नेचर वेलफेयर सोसाइटी और स्थानीय समुदाय के समन्वय का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो छत्तीसगढ़ में वन्यजीव संरक्षण की दिशा में एक सशक्त और प्रेरणादायक कदम है।