BalodBaloda BazarBalrampurBastarBemetaraBijapurBilaspurCHHATTISGARHCRIMEDantewadaDhamtariDurgGariabandGaurella-Pendra-MarwahiJanjgir-ChampaJashpurKabirdhamKankerKhairagarh-Chhuikhadan-GandaiKondagaonKORBAKoriyaMahasamundManendragarh-Chirmiri-BharatpurMohla-Manpur-ChowkiMungeliNarayanpurNATIONALRaigarhRaipurRajnandgaonSaktiSarangarh-BilaigarhSukmaSurajpurSurgujaTOP STORY

KORBA:तड़प रहे तालाब,जिंदा दफन किये जा रहे,निष्ठुर प्रशासन-जनप्रतिनिधि मूकदर्शक…केंद्रीय मंत्री गिरिराज भी कार्रवाई न करा सके !

“जुलाई 2022 के दूसरे सप्ताह जब केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह प्रथम प्रवास पर कोरबा आये थे तो कोरबा जिले में राख से मनरेगा तालाब पाट देने का मामला उनके भी संज्ञान में दस्तावेज के साथ प्रमुखता से लाया गया था,आश्वासन भी मिला लेकिन वे भी कुछ न करा सके और आज फिर कोरबा प्रवास पर हैं।”

0 कहीं राख से पाट दिया तो कहीं खेत बनाने की शिकायत
0 जलस्त्रोतों के संरक्षण के दावे कागजी,दोषियों को पूर्ण संरक्षण
कोरबा। कोरबा जिले में तालाबों के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपए का खेल हुआ है/हो रहा है। तालाबों को खुदवाने के साथ ही नया निर्माण, उनकी साफ-सफाई के नाम पर तो खेल हुए ही हैं, मनरेगा विभाग के भी लाखों-करोड़ों रुपए तालाब के नाम पर पानी की तरह बहा दिए गए। अमृत सरोवर योजना में जल संरक्षण के नाम पर इसमें संलिप्त लोगों के जेबों में रुपयों का संरक्षण जरूर हुआ है। तालाब अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद कर रहे हैं तो जिन पर इसका दारोमदार हैं, वे फाइलों में संरक्षण को निपटा रहे हैं। ऊर्जाधानी में शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में तालाबों की दशा सुधरने का नाम नहीं ले रही।
0 तालाबों ने दी पहचान
कोरबा आदिवासी बाहुल्य जिले में वर्षों पहले दर्जनों तालाब शहर के आसपास की आबादी क्षेत्र में खुदवाए गए थे। इन तालाबों के इर्द-गिर्द बसी बस्तियों को तालाबों का ही नाम दिया गया और आज भी इन बस्तियों की पहचान इन्हीं तालाबों के नाम पर है। इनमें प्रमुखत: लक्ष्मणबन तालाब, मोतीसागरपारा तालाब, रामसागरपारा तालाब, बनिया तालाब शहर के भीतर हैं। इनमें मोतीसागरपारा तालाब को दफन कर दिया गया है तो वहीं शेष तालाब अपनी अंतिम सांसें गिन रहे हैं। कचरे और विभिन्न तरह की झाडिय़ों से पट चुके तालाबों के चारों तरफ मलबे पाट कर बेजा कब्जा भी हो रहा है। उप नगरीय, ग्रामीणों, वार्डांे के अंतर्गत आने वाले तालाबों को संरक्षित करने के लिए कोई खास पहल और कार्य नहीं हो रहा है। जनप्रतिनिधियों को भी इससे कोई सरोकार नहीं रह गया,और जिन्होंने आवेदन दिए,उसे रद्दी की टोकरी में डाल दिया गया जिसके कारण तालाब का क्षेत्रफल घटा कर कांक्रीट के जाल खड़े किए जा रहे हैं। अभी सुमेधा वार्ड का तालाब शिकार होने लगा हैं। पोड़ी बहार का तालाब कचरों से पटा है। वार्ड 11 नई बस्ती,कोरबा के पार्षद दिनेश सोनी ने भी कई पत्र लिखे लेकिन सुनवाई ही नहीं हुई।

0 ग्राम पंचायतों में भी उदासीनता
गांवों में तो जागरूक लोगों के द्वारा कई तालाबों को संरक्षित करने और बचाने का काम किया गया है लेकिन अनेक ऐसे भी पंचायत है जहां के सरपंच, सचिव की उदासीनता के कारण तालाब अपना अस्तित्व खो रहे हैं। पिछले 5 वर्षों में तालाबों के नाम पर बड़ा खेल जिले में हुआ है। इसमें ज्यादातर पैसा मनरेगा विभाग से लगाए गए हैं ताकि तालाब निर्माण में लगे मजदूरों को रोजगार भी प्राप्त हो सके किंतु अनेक निर्माण में फर्जी मजदूर लगा कर पैसे आहरण के मामले समय-समय पर सामने आते रहे हैं। यदि तालाबों का निर्माण ईमानदाराना ढंग से हुआ भी है तो उसके संरक्षण के प्रति कोई गंभीरता नहीं दिखाई जा रही है। मनरेगा निर्मित तालाबों,अमृत सरोवर योजना की फाइल खुलवा कर तालाबों के भौतिक सत्यापन की जरूरत आ पड़ी है क्योंकि केन्द्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना में जमकर धांधली परियोजना अधिकारी से लेकर सहायक परियोजना अधिकारियों, रोजगार सहायकों व सरपंच सचिव ने किया है।
0 राखड़ से दफन करने वाले गुनाहगारों पर आंच तक नहीं
कोरबा जनपद अंतर्गत ग्राम पंचायत बरीडीह में तो पूरा का पूरा मनरेगा तालाब मनरेगा के अधिकारियों से लेकर पंचायत के प्रतिनिधियों ने मिलकर डकार लिया। यहां या तो तालाब का निर्माण हुआ ही नहीं और हुआ भी है तो उसे राखड़ पटवा कर, शिलापट्टिका उखड़वा कर अस्तित्व ही खत्म कर दिया गया और तालाब निर्माण के लगभग 13 लाख रुपए की बंदरबांट कर ली गई। इसकी जांच के बाद कई कलेक्टर बदल गए लेकिन आंच किसी पर नहीं आई, जबकि यह मामला उस समय 15 जुलाई 2022 को कोरबा प्रवास पर आए केंद्रीय पंचायत मंत्री गिरिराज सिंह के भी संज्ञान में लाया गया था। इसी तरह पिछले दिनों ही एक शिकायत हुई है जिसमें पाली विकासखंड के ग्राम कुटेलामुड़ा में मनरेगा के करीब 10 लाख रुपए की लागत से निर्मित तालाब को पाट कर खेत बना दिया गया है। मनरेगा के अलावा वन विभाग द्वारा जंगलों में निर्मित कराए गए तालाबों में भी बड़ा झोलझाल है जिसमें एक चर्चित मामला कटघोरा वनमंडल के तुमान वन परिसर अंतर्गत कुटेशरनगोई में फर्जी मजदूरों के जरिए निर्माण करा कर 12 लाख रुपए से भी अधिक की रकम हड़प करने का सामने आया। इसमें कार्यवाही के नाम पर काफी लीपा-पोती हुई है।
0 भाकपा ने उठाई आवाज,पर सुने कौन
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी जिला कोरबा द्वारा छत्तीसगढ़ एवं कोरबा की जन समस्याओं को लेकर 10 जनवरी को धरना प्रदर्शन किया गया। बाद में जिला व निगम प्रशासन को सौंपे ज्ञापन में तालाबों का भी मुद्दा उठाया,पर सवाल है कि सुनेगा कौन?कोरबा जिला में अलग-अलग वार्डो मे स्थित तलाबो की हालत खस्ताहाल है:-
I) लक्ष्मण बन तालाब, वार्ड क्रमांक 11,
II) रामसागर तालाब, वार्ड क्रमांक 01,
III)मोती सागर तालाब, वार्ड क्रमांक 07,
IV) गंगा सागर तालाब, वार्ड क्रमांक 07,
V) मोती सागर पारा नया तालाब, वार्ड क्रमांक 07
VI) बड़े खईया तालाब धनुहार पारा, वार्ड क्रमांक 05
VII) फर्टिलाइजर बस्ती तालाब वार्ड क्रमांक 52
VIII) बाल्को ईएसआईसी डिस्पेंसरी के पीछे का तालाब की साफ-सफाई एवं पानी भराव की व्यवस्था किया जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button

https://shikharkeshri.com/wp-content/uploads/2024/10/Screenshot_2024-01-11-15-10-14-966-edit_com.miui_.gallery.jpg

Please consider supporting us by disabling your ad blocker