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KORBA में बिना रिकॉर्ड हो रहा बटांकन-नामांतरण, खरीदी-बिक्री,पट्टा भी बांटे

0 23 साल से गायब रिकॉर्डों की नहीं कोई खोजबीन,RTI में बताया तहसीलदार ने
कोरबा। एसईसीएल से प्रभावित एवं विधानसभा कटघोरा अंतर्गत तहसील हरदीबाजार के राजस्व निगम मंडल तिवरता के अधीन शामिल ग्राम रतिजा पटवारी हल्का नंबर-7 की जमीन का कोई भी रिकॉर्ड पिछले 23 वर्षों से उपलब्ध नहीं है। रिकॉर्डों के अभाव में बिना रिकॉर्ड के बटांकन-नामांतरण, जमीनों की खरीदी-बिक्री के औचित्य व अस्तित्व पर सवाल उठे हैं। यहां तक कि बांटे गए वन पट्टों की सूची भी पंजीकृत नहीं हैं।
ग्राम रतिजा कोई मसाहती गांव नहीं बल्कि राजस्व रिकार्ड में शामिल गांव है लेकिन रहस्यमय तरीके से इस पूरे गांव का रिकॉर्ड ही गायब हो गया है। इसके संबंध में सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के तहत जानकारी मांगे जाने पर हल्का पटवारी के जरिए तहसीलदार एवं लोक सूचना अधिकारी हरदीबाजार के द्वारा जानकारी प्रदाय की गई है।
ग्राम रतिजा की कुल राजव भूमि बी-1 वर्ष 2008-09 के अनुसार 1033.901 हे. शासकीय भूमि 568.211 हे. निजी भूमि 465.690 हे. भूमि, झुडपी जंगल या घास भूमि 42.122 हे. वन भूमि या बड़े झाड़ के जंगल 508.655 हे. दर्ज है। उक्त हल्के में उक्त पटवारी की पदस्थापना दिसम्बर 2021 से वर्तमान समय तक ग्राम रतिजा में वन अधिकार मान्यता कानून के तहत कोई पट्टा आबंटित नहीं किया गया है। वर्ष 2021 से पूर्व के आबंटित वन पट्टों की सूची पटवारी कार्यालय में पंजीकृत नहीं होने के कारण इसकी जानकारी नहीं दी जा सकती है। उक्त ग्राम में एसईसीएल दीपका परियोजना द्वारा कुल खसरा नंबर-66 कुल रकबा 49.045 हे. भूमि, एसटीसीएलआई पावर प्लाण्ट द्वारा कुल खसरा नंबर-566 कुल रकबा 79.774 हे. भूमि अर्जित किया गया है। अर्जन से संबंधित दस्तावेज पटवारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। ग्राम रतिजा का मूल अभिलेख मिशल, अधिकार अभिलेख, निस्तार पत्रक, मिशल, नक्शा, चालू नक्शा पटवारी कार्यालय तहसील-हरदीबाजार अनुविभाग पाली व जिला कार्यालय कोरबा किसी भी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। खसरा पांचशाला वर्ष 2004-08 से वर्तमान तक वर्ष 2009 से ही पटवारी कार्यालय में व अनुविभाग पाली में उपलब्ध है। ग्राम रतिजा का मिशल बंदोबस्त 1930, व चालू मिशल नक्शा लगभग वर्ष 2000-01 से ही पटवारी कार्यालय में उपलब्ध नहीं है। पटवारी द्वारा रिकार्ड रूम के अधिकारियों से संपर्क करने पर उक्त अभिलेख किसी भी कार्यालय में उपलब्ध ना होने की जानकारी दी गयी। पटवारी ने बताया कि ग्राम रतिजा के हितग्राहियों का बटांकन, नामांतरण फौती का कार्य हो रहा है। ग्राम रतिजा के लोगों का स्थायी जाति प्रमाण पत्र विगत 1 वर्ष से बन रहा है। जाति प्रमाण पत्र जारी करने का आधार जमाबंदी वर्ष 1954-55 ग्राम सभा प्रस्ताव, प्रारूप 1, 2 शपथ पत्र है।
0 दलालों के चंगुल में ग्रामवासी
इसमें कोई संदेह नहीं कि बिना नक्शा, मिसल और अधिकार अभिलेख वाले ग्राम रतिजा में जमीन दलाल हावी हैं। इन दलालों के चंगुल में ग्रामवासी फंसे हुए हैं। बटांकन, नामांतरण तो हो रहा है लेकिन जब जमीन का नक्शा ही नहीं है तो जमीन की मौजूदगी का आधार कैसे तैयार हो रहा है, कोई भी जमीन कहीं पर भी दर्शा कर सांठगांठ पूर्वक सरकारी जमीनों की भी बंदरबांट होने लगी है। जानकार बताते हैं कि बिना अभिलेख के जमीन की खरीदी-बिक्री का कोई अस्तित्व नहीं रह जाता लेकिन इसके बाद भी जमीन बेची और खरीदी जा रही है जिससे खरीदार को लाखों की चपत लगना स्वाभाविक है।

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