NEWS UPDATE: 4 हेडमास्टर निलम्बित,प्रमाण पत्र में अंतर
कोरबा। जिले में पदस्थ 4 प्रधानपाठकों के खिलाफ फर्जीवाड़ा का आरोप लगा है। शिकायत है कि इन्होंने नौकरी पर ज्वाइनिंग के वक्त 12 वीं की जो अंकसूची विभाग में प्रस्तुत की, उसके अंक सेवा पुस्तिका में दर्ज जानकारी से अलग है। अंक सूची के प्राप्तांकों में अंतर के कारण खण्ड शिक्षा अधिकारी ने नोटिस जारी कर इस गड़बड़ी का जवाब मांगा था। स्पष्टीकरण नोटिस का जवाब संतोषप्रद नहीं मिला, जिसके बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने चारों को निलंबित कर दिया है। प्रारंभिक तौर पर जानकारी मिली थी कि एक प्रधान पाठक और तीन शिक्षक निलंबित हुए हैं लेकिन आधिकारिक पुष्टि करने पर इन चारों को प्रधान पाठक बताया गया है।
खंड शिक्षा अधिकारी कोरबा की ओर से यह स्पष्टीकरण शासकीय प्राथमिक शाला करमंदी के प्रधान पाठक मिनेश कौशिक सहित अन्य प्रधानपाठक विनोद निराला, राम लाल जांगड़े व दिलीप कुर्रे को जारी किया गया था। प्राथमिक जांच के बाद सामने आए तथ्यों के आधार पर इन सभी को डीईओ टीपी उपाध्याय ने सस्पेंड कर दिया है। इसमें प्रधान पाठक कौशिक की बात करें तो वर्ष 2007 में शिक्षाकर्मी वर्ग 3 की चयनित सूची प्राप्त प्राविण्य सह प्रतीक्षा सूची के आधार पर जारी हुई। तब शिक्षाकर्मी वर्ग के पद पर नियुक्ति के समय आवेदक शिक्षाकर्मी वर्ग-3 मिनेश कौशिक द्वारा प्रस्तुत कक्षा 12वीं की अंकसूची तथा सेवा पुस्तिका में प्रस्तुत अंकसूची में अंतर है। इनके मिलान से पता चला कि कक्षा 12वीं की प्राप्तांक में भिन्नता है, जिस के कारण प्रधान पाठक को पिछले माह 20 मई को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया था। जिस आधार पर कार्यालय जनपद पंचायत कोरबा के द्वारा शिक्षाकर्मी वर्ग -3 के पद पर नियुक्ति की गई थी, उसी दस्तावेज की सत्यता पर सवाल खड़े हो गए हैं। इसकी अंकतालिका तैयार कर प्रवीण सूची जारी कर मिनेश कौशिक को शिक्षाकर्मी वर्ग 3 के पद पर नियुक्ति प्रदान की गई। नियुक्त शिक्षाकर्मी-3 की पात्र चयन सूची सह अंकतालिका प्रदान किया गया है। जिसमें श्री कौशिक द्वारा नियुक्ति के समय प्रस्तुत कक्षा 12वी अंकसूची तथा सेवापुस्तिका में प्रस्तुत अंकसूची के अंकों में भिन्नता है। यह शिक्षकर्मी वर्ग-3 के लिए निर्धारित नियुक्ति शर्तों के सर्वथा विपरीत है। इस प्रकार का कृत्य कदाचरण की श्रेणी में आता है। ऐसे ही कारण शेष तीन शिक्षकों के प्रकरण भी सामने आए हैं। चारों प्रधान पाठकों कें निलंबन की पुष्टि जिला शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षा अधिकारी ने की है लेकिन शेष तीन प्रधान पाठकों के पदस्थापना संस्था का नाम समाचार लिखे जाने तक नहीं मिल सका है।